#रविंद्र_सिंह_जडेजा #rajputboy
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कुछ दिनों पूर्व रविंद्र सिंह जडेजा का यह तलवारबाजी वाला वीडियो चर्चा में आया रविंद्र सिंह जडेजा ने #rajputboy नाम से अपने ट्विटर हैंडल से तलवारबाजी का यह वीडियो जारी किया इसमें किसी को कुछ गलत भी लग सकता है
तो फिर रविंद्र सिंह जडेजा के अलावा भी जब दूसरे सेलिब्रिटीज इस तरह के वीडियो जारी करते हैं जैसे हाल ही में लोक डाउन के दौरान सलमान खान द्वारा अपने घोड़े के साथ वीडियो जारी करना वो भी गलत हो गया फिर तो।
किंतु जहां पर घोड़े के साथ वीडियो जारी करने पर लोगो के द्वारा सलमान खान की तारीफ की गई पर उन्ही लोगो द्वारा रविंद्र जडेजा द्वारा तलवारबाजी का वीडियो जारी करना कुछ तथाकथित पिछड़ों को चुभ गया।
इन्हीं तथाकथित पिछड़ों में एक पिछड़े दिलीप मंडल का नाम उभरकर सामने आया जिसमें दिलीप मंडल ने अपने टि्वटर हैंडल से इस वीडियो को भी ट्वीट करके कुछ इस तरह की अभद्र टिप्पणी कि अगर यही टिप्पणियां कोई इस दिलीप मंडल पर कर देता तो पता नहीं अब तक कितने एससी एसटी के मुकदमे दर्ज हो जाते हैं-
अब मैं दिलीप मंडल के उन हंसी आने वाले ट्विट्स के जवाब देता हूंतो दिलीप मंडल ने एक ट्वीट किया था रविंद्र जडेजा की तलवारबाजी पर कि यह तलवारें कभी चली नहींपहली बात तो दिलीप मंडल कभी तलवार हाथ में लेकर रविन्द्र जडेजा की तरह 10 मिनिट ही तलवार गुमा कर देखना फिर यह कल्पना करना कि तू एकेला 50-60 लोगो को बीच गिरा हुआ है
उन सभी लोगो की कद काठी कुछ 7 फुट hight ,100 cm के लगभग उनका सीना और दया धर्म के नाम पर उनके पास कुछ नहीं और उनके हाथों में तलवारे जिनकी लम्बाई कुछ तेरी लम्बाई जितनी 10-12 फ़ीट के भाले, बर्छिया और बंदूके और पिछले 700 सालों में तो आग उगलती हुई तोफे ।
यह कल्पना करने मात्र से अगर तेरी पेण्ट कुछ ही समय मे गीली नहीं हो जाये तो यह सोच लेना कि तेरे पूर्वजों ने भी तलवार उठाई और अगर पेंट गीली हो जाए तो इसका मतलब तेरे पूर्वजों ने सलवार उठाई
उन्हें तलवार उठाने से किसी ने रोका नहीं बल्कि उन्होंने खुद ने तलवार की जगह सलवार उठाना ज्यादा बेहतर समझा।
फिर दिलीप मंडल तूने यह कहा कि यह तलवार कभी किसी आक्रांता के खिलाफ नहीं उठी
दिलीप मंडल को शायद इतिहास की कम जानकारी है उसे मैं बताना चाहता हूं सिकंदर के खिलाफ चलने वाली भी तलवार यही थी, मोहम्मद बिन कासिम के खिलाफ चलने वाली तलवार भी यही थी, यह बप्पा रावल की तलवार है, यह राणा कुंभा की तलवार है, यह राणा प्रताप की तलवार है, यह मिहिरभोज प्रतिहार की तलवार है ,यह पृथ्वीराज चौहान की तलवार है,यह जयमल राठौड़ की तलवार है ,यह कला राठौड़ की तलवार है ,यह हमीर जी गोहिल की तलवार है, यह भानजी जडेजा की तलवार है पता नहीं यह कितने असंख्य वीरों की तलवार है जो हर बार हर आक्रांता के खिलाफ उठी किंतु जिस इंसान कोअपनी 5-6 पीढ़ी का नाम याद नहीं वह क्या जाने यह तलवार कब-कब किस-किस के खिलाफ चली उठी।दिलीप मंडल ने इस वीडियो पर एक चीज और ट्वीट की उसने कहा कि आप लोगों ने तलवार रखने का अधिकार केवल अपने तक ही सीमित रखा बाकी लोगों को तो तलवार रखने तक नहीं दीतो इसका उत्तर भी दिलीप मंडल सुनने हैं आदि अनादि काल से क्षत्रिय राजपूतों के अलावा भी बहुत सारे लोगों ने तलवार उठाई है आक्रांता ओं के खिलाफ उन्हें किसे किसने रोका कि तुम तलवार मत उठाओ लड़ो मत वीर को कोई रोक नहीं सकता वीर का काम होता है लड़ना चाहे वह सत्य हो वैसे हो ब्राह्मण हो या शूद्र जिसमें लड़ने की क्षमता होती है वह लड़ेगा उसे कोई नहीं रोक सकतापुष्यमित्र शुंग ब्राह्मण था ,भामाशाह जैन वैश्य था
,राणा पूंजा भील थे ,लोटिया जाट था ,तात्या टोपे ब्राह्मण था ऐसे बहुत सारे लोग मिलेंगे जिन्होंने आक्रांता के खिलाफ तलवार उठाई है और क्षत्रियो के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आक्रांताओ का मुकाबला किया हैदिलीप मंडल का दूसरा ट्वीट था कि राजपूत तो हमेशा हारे हैं
,राणा पूंजा भील थे ,लोटिया जाट था ,तात्या टोपे ब्राह्मण था ऐसे बहुत सारे लोग मिलेंगे जिन्होंने आक्रांता के खिलाफ तलवार उठाई है और क्षत्रियो के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आक्रांताओ का मुकाबला किया हैदिलीप मंडल का दूसरा ट्वीट था कि राजपूत तो हमेशा हारे हैं
उसके अनुसार राजपूतो को हराने वाले कुछ लोग
1.तुर्क-दिलीप मंडल कासिम को हराया किसने बप्पा रावल (राजपूत) ने
400 सालो तक किसी मुस्लिम आक्रांता ने हमला करने की सोची नहीं भारत पर
2.पठान-ओहो दिलीप मंडल कितने युद्ध बताऊ खतौली में इब्राहिम लोदी (दिल्ली का सुल्तान) को राणा सांगा(राजपूत) ने हराया
बाकी हकीम खान सूरी पठान हमारे लिए राणा प्रताप की तरह ही पूजनीय है।
3.अहमद सा अब्दाली-मानपुर का युद्ध 1748 ई. में
जयपुर महारजा सवाई ईश्वरी सिंह जी ने हराया पढ़ लेना दिलीप मंडल जाके थोड़ा इतिहास
कब तक रोमिला थापर के इतिहास को पढ़कर अपनी बेइजती करवाएगा....
दिलीप मंडल के अलावा भी और बहुत सारे बुद्धिजीवियों ने कमेन्ट किए वो तो बिचारा एक दिलीप मंडल ज्यादा ही highlight हो गया
कुछ ने कहा कि राजपूत मुगल दरबार में नौकरी करते थे
तो भाई जिले के कलेक्टर को तो सब जानते हैं चपरासी को कौन जानता है
हाँ नौकरी की राजपूतो ने लेकिन कलेक्टर की तुम्हारे पूर्वज तो वहाँ पर चपरासी थे इसलिए उनका नाम नहीं आता
मुगलों की किताबो का गहनता से अध्ययन करोगे तो तुम्हारे पूर्वजो का भी नाम मिल जाएगा चपरासी वाले कॉलम में।
ओह लेकिन तुम्हें तो अपने पूर्वजों का नाम तक पता नहीं ढूँढोगे कैसे ।
सरनेम भी तुम लोग ज्यादातर राजपूतों का ही use करते हों।
अंतिम बात भाई यह रविन्द्र जडेजा असली राजपूत है जो अपनी काबिलियत से दुनिया का नम्बर 1 आलराउंडर बना है
तुम मूर्खो के ट्रोल करने से #rajputboy नहीं हटाएगा उल्टा दो ट्वीट इसी टैग के साथ ज्यादा करेगा।
तुम मूर्ख लोग इसे भी शुशांत सिंह राजपूत समझ बैठे जो एक नकली राजपूत है जो केवल अपने नाम को अच्छा दिखाने के लिए नाम के पीछे राजपूत लिखता हैं.....